बिहार चुनाव 2025: भाजपा का 'घुसपैठ' कार्ड - विपक्ष पर हमला, जनसांख्यिकी का हथियार, क्या बदलेगा समीकरण?
बिहार की राजनीतिक धरती पर आगामी विधानसभा चुनावों की सरगर्मियां चरम पर हैं। 243 सीटों वाली इस जंग में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 'घुसपैठ' के मुद्दे को अपनी तीर की नोक बना लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की रैलियों से लेकर कार्यकर्ता बैठकों तक, हर मंच पर सीमांचल क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों का जिक्र हो रहा है। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन घुसपैठियों को वोटर लिस्ट में घुसेड़कर बिहारियों का हक छीन रहा है। 'रफ़्तार पकड़ चुका बिहार, फिर एक बार एनडीए सरकार' के नारे के साथ यह मुद्दा जातिगत समीकरणों के साथ जुड़कर नया रंग ले रहा है। लेकिन क्या यह रणनीति भाजपा को फायदा पहुंचाएगी, या विपक्ष के 'वोट चोरी' के आरोपों से उलटा असर पड़ेगा? आइए, इस हाई-वोल्टेज ड्रामे के हर पहलू पर गहराई से नजर डालें। अगर आप बिहार चुनाव 2025 की लेटेस्ट अपडेट्स या घुसपैठ मुद्दे पर जानना चाहते हैं, तो अंत तक पढ़ें।



घुसपैठ का राजनीतिकरण: भाजपा की नई रणनीति, पहली बार बिहार में फोकस
बिहार में घुसपैठ का मुद्दा नया नहीं, लेकिन 2025 चुनावों में इसे इतने बड़े पैमाने पर उठाना भाजपा की मास्टरस्ट्रोक रणनीति है। 15 सितंबर को पूर्णिया में पीएम मोदी ने कहा, "सीमांचल में जनसांख्यिकी तेजी से बदल रही है। एनडीए बिहार को घुसपैठियों से मुक्त करेगा।" उन्होंने चेतावनी दी कि विपक्ष घुसपैठियों को सरकारी योजनाओं का लाभ देकर बिहारियों के रोजगार और संसाधनों पर डाका डाल रहा है। 18 सितंबर को बेगूसराय और रोहतास में अमित शाह ने इसे और तीखा किया – "अगर इंडिया गठबंधन सत्ता में आया, तो हर जिले में घुसपैठिए भर जाएंगे। राहुल गांधी और लालू प्रसाद इनका वोट बैंक बचाने के लिए 'वोटर अधिकार यात्रा' चला रहे हैं।" शाह ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को 'वोटर लिस्ट की सफाई' बताया, जिसमें 65 लाख बोगस वोटर (22 लाख मृत, 36 लाख शिफ्टेड, 7 लाख डुप्लिकेट) हटाए गए।
यह पहली बार है जब बिहार चुनावों में जाति के साथ घुसपैठ को जोड़ा जा रहा है। भाजपा का टारगेट सीमांचल के मुस्लिम बहुल इलाके जैसे किशनगंज, पूर्णिया, गोपालगंज – जहां SIR में सबसे ज्यादा नाम कटे। पार्टी का दावा: यह 'डेमोग्राफिक मिशन' बिहार को बचाएगा। लेकिन आलोचक इसे 'साक्ष्यहीन अतिशयोक्ति' बता रहे हैं, क्योंकि गृह मंत्रालय के आंकड़े सीमावर्ती फेंसिंग की धीमी प्रगति दिखाते हैं। X (पूर्व ट्विटर) पर #BiharInfiltration ट्रेंड कर रहा है, जहां भाजपा समर्थक 'घुसपैठिए बाहर' के नारे लगा रहे, जबकि विपक्ष 'भाजपा की साजिश' चिल्ला रहा।
भाजपा के आरोप: विपक्ष घुसपैठियों का 'वोट बैंक', बिहारियों का हक छीन रहा
भाजपा की लाइन क्लियर है – कांग्रेस-आरजेडी 'अप्पेसमेंट पॉलिटिक्स' से घुसपैठियों को वोटर बनाकर बिहार की जनसांख्यिकी बदल रहे। शाह ने बेगूसराय में कहा, "राहुल बाबा घुसपैठियों के अधिकारों के लिए यात्रा कर रहे, लेकिन बिहार के युवाओं के रोजगार की चिंता नहीं।" पीएम मोदी ने पूर्णिया में जोड़ा, "एनडीए घुसपैठियों को देश से बाहर करेगा, ताकि बिहार के संसाधन बिहारियों के लिए रहें।" पार्टी का नारा 'रफ़्तार पकड़ चुका बिहार' विकास पर फोकस करता है, लेकिन घुसपैठ को जोड़कर हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण की कोशिश साफ।
उप-मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा, "आरजेडी-कांग्रेस घुसपैठियों को बचाने की साजिश रच रहे। SIR से नाम कटे, तो रो रहे।" भाजपा का दावा: बिहार को केंद्र की योजनाओं (आयुष्मान भारत, जन धन) का 'अधिकतम लाभ' मिला, लेकिन विपक्ष इसे घुसपैठियों को बांटना चाहता है। रणनीति: दक्षिण बिहार के मगध-शाहाबाद बेल्ट में 80% स्ट्राइक रेट, जहां पिछली बार कमजोरी थी।
मुख्य आरोपभाजपा का दावाप्रभावित क्षेत्रवोटर लिस्ट में घुसपैठविपक्ष ने बांग्लादेशियों को शामिल कियाकिशनगंज, पूर्णिया (सबसे ज्यादा नाम कटे)संसाधनों पर डाकाघुसपैठियों को राशन, नौकरी, आवासगोपालगंज, मधुबनी, भागलपुरजनसांख्यिकी बदलावसीमांचल में 'डेमोग्राफिक मिशन'बांग्लादेश बॉर्डर वाले जिलेविपक्ष का पलटवार: 'वोट चोरी' और 'भाजपा की साजिश', SIR पर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
विपक्ष ने इसे 'भाजपा की हताशा' बताया। राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' को शाह ने 'घुसपैठियों बचाओ यात्रा' कहा, लेकिन कांग्रेस-आरजेडी इसे 'वोट चोरी' का सबूत बता रहे। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा, "भाजपा मुसलमानों को डराकर वोट लेना चाहती है।" तेजस्वी यादव ने चेतावनी दी, "SIR से लाखों बिहारियों के नाम कटे, यह चुनावी हेरफेर है।" विपक्ष का आरोप: सीमावर्ती सुरक्षा केंद्र का दायित्व, फिर भाजपा क्यों असफल? झारखंड में यह मुद्दा फेल हो चुका।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, दावा: SIR में आधार, वोटर आईडी जैसे दस्तावेज न मानना गरीबों को नुकसान। X पर विपक्षी पोस्ट: "भाजपा का डर – सच्चे वोटरों से हार।" लेकिन भाजपा ने पलटकर कहा, "राहुल विदेश घूमते हैं, मोदी 365 दिन काम करते।"
चुनावी प्रभाव: ध्रुवीकरण का फायदा या बूमरैंग?
विशेषज्ञों के मुताबिक, यह मुद्दा भाजपा को हिंदू वोट सॉलीडिफाई कर सकता है, खासकर ऊपरी जातियों और ईबीसी में। लेकिन मुस्लिम-यादव समीकरण वाले सीमांचल में उलटा असर? झारखंड 2024 में फेल रणनीति का सबक। एनडीए (भाजपा 78, जदयू 45, अन्य) के पास 132 सीटें, लेकिन विपक्ष (आरजेडी-कांग्रेस) मजबूत। चुनाव अक्टूबर-नवंबर, SIR का फेज-2 चल रहा।
X पर बहस: भाजपा समर्थक 'घुसपैठिए बाहर' चला रहे, विपक्ष 'भाजपा की साजिश'। क्या यह 'एनडीए 2.0' का रोडमैप बनेगा?
निष्कर्ष: बिहार की जंग में नया आयाम
घुसपैठ मुद्दा बिहार चुनाव को राष्ट्रीय रंग दे रहा – विकास से सुरक्षा तक। भाजपा का दांव साफ: विपक्ष को 'घुसपैठ समर्थक' बता जीत हासिल। लेकिन साक्ष्यों की कमी से विवाद। क्या बिहार फिर एनडीए का गढ़ बनेगा? कमेंट्स में अपनी राय बताएं!
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