बिहार विधानसभा चुनाव 2025: सीट बंटवारा 15 सितंबर तक तय, मुकेश सहनी का बड़ा ऐलान - किसे मिलेगा बड़ा हिस्सा?


बिहार विधानसभा चुनाव 2025: सीट बंटवारा 15 सितंबर तक तय, मुकेश सहनी का बड़ा ऐलान - किसे मिलेगा बड़ा हिस्सा?
पटना, 11 सितंबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है, और महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर चर्चा अंतिम चरण में है। विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी ने ऐलान किया है कि 15 सितंबर 2025 तक सीट शेयरिंग का फॉर्मूला फाइनल हो जाएगा, जिसके बाद तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन का चुनावी अभियान शुरू होगा। लेकिन सवाल यह है कि किसे मिलेगा बड़ा हिस्सा? क्या RJD और कांग्रेस के बीच संतुलन बनेगा, या छोटे दल जैसे VIP और लेफ्ट पार्टियां बड़ा दांव खेलेंगी? आइए इस मुद्दे को विस्तार से समझते हैं।
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मुकेश सहनी का बयान: सीट बंटवारे पर क्या बोले?
VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने 6 सितंबर 2025 को पटना में कहा, "हम हर सीट पर चर्चा कर रहे हैं, और बातचीत बहुत सुचारू रूप से हो रही है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में हम चुनाव लड़ेंगे, और 15 सितंबर तक सीट बंटवारा फाइनल हो जाएगा।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि महागठबंधन में सीटों को लेकर कोई विवाद नहीं है। सहनी ने एक और बयान में जोड़ा कि उनकी पार्टी सीटों पर हठ नहीं करेगी और जरूरत पड़ने पर त्याग करने को तैयार है, जिससे यह संकेत मिलता है कि VIP गठबंधन की एकता को प्राथमिकता दे रही है।
हालांकि, कुछ खबरों में दावा किया गया कि सहनी ने 51 सीटों और डिप्टी सीएम पद की मांग की थी, लेकिन उन्होंने इसे खारिज करते हुए तेजस्वी के नेतृत्व पर भरोसा जताया।
महागठबंधन में सीट बंटवारे की स्थिति: कौन कितनी सीटें लेगा?
बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं, और महागठबंधन में RJD, कांग्रेस, लेफ्ट पार्टियां (CPI, CPM, CPI-ML), VIP, और संभावित रूप से RLJP और JMM शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, 2020 के चुनावों की तुलना में इस बार सभी प्रमुख सहयोगियों को सीटों में समझौता करना पड़ सकता है। संभावित सीट बंटवारा इस प्रकार हो सकता है:
RJD: 2020 में RJD ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार 122-124 सीटें मिलने की संभावना है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में RJD गठबंधन का सबसे बड़ा दल है और सीटों का बड़ा हिस्सा लेने की उम्मीद है।
कांग्रेस: कांग्रेस ने 2020 में 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार वह 58-62 सीटों की मांग कर रही है। हाल की खबरों में कहा गया कि 66 सीटों का फॉर्मूला प्रस्तावित है, जिस पर अभी सहमति बाकी है।
लेफ्ट पार्टियां: CPI-ML (19 सीटें), CPI (6), और CPM (4) ने 2020 में कुल 29 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार उन्हें 31-33 सीटें मिल सकती हैं, क्योंकि लेफ्ट पार्टियां अपनी स्ट्राइक रेट के आधार पर दबाव बना रही हैं।
VIP: मुकेश सहनी की पार्टी को 20-22 सीटें मिलने की संभावना है। 2020 में VIP ने NDA के साथ 11 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 4 जीती थीं।
RLJP और JMM: RLJP को 5-7 सीटें और JMM को 2-3 सीटें मिल सकती हैं। ये दोनों दल हाल ही में महागठबंधन में शामिल हुए हैं, जिससे सीट बंटवारा जटिल हो गया है।
15 सितंबर को पटना में होने वाली महागठबंधन की अहम बैठक में राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, और अन्य नेता इस फॉर्मूले को अंतिम रूप देंगे।
तेजस्वी यादव का चुनावी अभियान: वोटर अधिकार यात्रा
सीट बंटवारा फाइनल होने के बाद, तेजस्वी यादव की 'वोटर अधिकार यात्रा' 15 सितंबर से सासाराम से शुरू होगी। यह यात्रा राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' की तर्ज पर होगी और उन जिलों को कवर करेगी जो पिछली यात्राओं में छूट गए थे। RJD प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि इस अभियान का नोटिफिकेशन जल्द जारी होगा। यह यात्रा महागठबंधन की ताकत दिखाने और युवा वोटरों को लामबंद करने की कोशिश होगी।
NDA का जवाब: सीट बंटवारा 15-20 सितंबर तक?
उधर, NDA में भी सीट बंटवारे की चर्चा चल रही है। सूत्रों के अनुसार, JDU को 102 सीटें, BJP को 101, चिराग पासवान की LJP को 20, HAM को 10, और RLM को 10 सीटें मिल सकती हैं। हालांकि, चिराग पासवान 40 सीटों की मांग कर रहे हैं, जिस पर नीतीश कुमार सहमत नहीं हैं। NDA का सीट बंटवारा 15-20 सितंबर तक फाइनल होने की उम्मीद है।
क्या होगा चुनावी प्रभाव?
महागठबंधन में RJD और कांग्रेस को बड़ा हिस्सा मिलना तय है, लेकिन VIP और लेफ्ट पार्टियों की बढ़ती मांग से समीकरण जटिल हो सकते हैं। मुकेश सहनी की पार्टी निषाद समुदाय (बिहार में 12% वोटर) पर मजबूत पकड़ रखती है, जो सीमांचल और कोसी क्षेत्रों में निर्णायक हो सकता है। वहीं, लेफ्ट पार्टियों का 2020 का स्ट्राइक रेट (CPI-ML ने 19 में से 12 सीटें जीती थीं) उन्हें मजबूत दावेदार बनाता है।
X पर एक सर्वे में अनुमान लगाया गया कि NDA को 136 सीटें और महागठबंधन को 75 सीटें मिल सकती हैं, लेकिन कांटे की टक्कर वाली 26 सीटें नतीजों को बदल सकती हैं। अगर महागठबंधन अपनी रणनीति को मजबूत करता है, तो युवा और OBC-Dalit वोटरों को लुभाकर वह NDA को चुनौती दे सकता है।

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