ट्रंप की सूची में भारत: नशे की वैश्विक चुनौती और लोकतंत्र की जिम्मेदारी



वैश्विक ड्रग तस्करी का खतरा
संयुक्त राष्ट्र की 2025 विश्व ड्रग रिपोर्ट बताती है कि:
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2023 में वैश्विक कोकीन उत्पादन 3,700 टन से भी अधिक रहा, जो अब तक का सबसे ऊँचा स्तर है।
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सिंथेटिक ड्रग्स (मेथ, कैप्टागोन, फेंटानिल) नई महामारी की तरह फैल रहे हैं और लाखों लोगों की जान ले रहे हैं।
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अफगानिस्तान में अफीम उत्पादन पर लगे बैन के बावजूद स्टॉक और वैकल्पिक सिंथेटिक नशीले पदार्थ नई चुनौती बनकर उभरे हैं।
भारत का नाम सूची में क्यों?
भारत भले ही दुनिया में ड्रग उत्पादन का केंद्र न हो, लेकिन इसका भौगोलिक स्थान इसे संवेदनशील बनाता है।
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भारत “गोल्डन क्रेसेंट” (अफगानिस्तान–पाकिस्तान–ईरान) और “गोल्डन ट्रायएंगल” (म्यांमार–लाओस–थाईलैंड) जैसे ड्रग उत्पादक क्षेत्रों के बीच स्थित है।
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तस्कर भारत के ज़रिए यूरोप, अमेरिका और एशिया के अन्य हिस्सों तक नशा पहुँचाने की कोशिश करते हैं।
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पंजाब और पूर्वोत्तर भारत जैसे राज्य पहले से ही नशे की लत और तस्करी नेटवर्क से प्रभावित हैं।
क्या इसका मतलब है कि भारत असफल है?
नहीं। ट्रंप प्रशासन ने खुद कहा है कि किसी देश का नाम सूची में होना उसकी सरकार की असफलता नहीं दर्शाता। यह कई बार भौगोलिक, वाणिज्यिक और आर्थिक कारणों से भी तय होता है।
हाल ही में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने दिल्ली में एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया। यह गिरोह डार्क वेब, क्रिप्टोकरेंसी और ड्रॉप शिपिंग का इस्तेमाल कर अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया तक अवैध दवाएँ भेज रहा था। इस कार्रवाई की अमेरिकी दूतावास ने सराहना की और भारत की भूमिका को सराहा।
लोकतंत्र की चौथी आवाज़: जनता की भूमिका
भारत में नशे की समस्या सिर्फ सरकारी एजेंसियों का मुद्दा नहीं है। यह सामाजिक और लोकतांत्रिक चुनौती भी है। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ – जनता की आवाज़ और मीडिया – इसमें बड़ी भूमिका निभा सकता है।
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नशे के खिलाफ जन-जागरूकता अभियान चलाना।
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स्कूलों और कॉलेजों में एंटी-ड्रग शिक्षा को प्राथमिकता देना।
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मीडिया द्वारा लगातार सरकारी नीतियों की समीक्षा और पारदर्शिता पर दबाव डालना।
निष्कर्ष
भारत का नाम अमेरिकी सूची में आना चेतावनी की घंटी है। यह हमें बताता है कि वैश्विक ड्रग तस्करी का जाल कितना गहरा है और भारत जैसे लोकतांत्रिक राष्ट्र को इसे रोकने के लिए सरकार, समाज और जनता – सभी को मिलकर कदम उठाने होंगे।

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