बिहार विधानसभा चुनाव 2025: जल्द होगी तारीखों की घोषणा, 30 सितंबर को आएगी अंतिम वोटर लिस्ट



चुनाव टाइमलाइन और चरणबद्ध मतदान
सूत्रों के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 सभी 243 सीटों के लिए तीन चरणों में कराए जा सकते हैं।
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चुनाव की संभावित तिथियां 5 नवंबर से 15 नवंबर के बीच होंगी।
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मतदान छठ पूजा के बाद रखा जाएगा, ताकि त्योहारी सीज़न में व्यवधान न हो।
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यह पैटर्न 2020 के चुनाव जैसा ही होगा, जब तीन चरणों में वोटिंग कराई गई थी।
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चुनाव आयोग का मानना है कि इस तरह सुरक्षा और लॉजिस्टिक व्यवस्थाएं बेहतर तरीके से संभाली जा सकती हैं।
मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया
चुनाव आयोग ने 24 जून 2025 से विशेष गहन संशोधन (SIR) की प्रक्रिया शुरू की थी।
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मतदाताओं से नाम जुड़वाने और दस्तावेज जमा कराने को कहा गया।
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अब तक 98.2% दस्तावेज़ प्राप्त हो चुके हैं।
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1 अगस्त को ड्राफ्ट लिस्ट जारी की गई थी और
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30 सितंबर 2025 को फाइनल वोटर लिस्ट प्रकाशित होगी।
यही लिस्ट आगे होने वाले चुनाव की नींव बनेगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त का दौरा और तारीखों का ऐलान
मुख्य चुनाव आयुक्त जिनेन्द्र कुमार अगले हफ़्ते पटना का दौरा करेंगे और तैयारियों का जायज़ा लेंगे।
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माना जा रहा है कि अक्टूबर के पहले हफ़्ते में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा हो जाएगी।
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यह घोषणा हमेशा फाइनल वोटर लिस्ट पब्लिश होने के एक हफ़्ते के भीतर होती है।
सुप्रीम कोर्ट की नज़र और विवाद
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विपक्ष ने मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं।
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तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया, हालांकि ECI ने इसे “फर्जी EPIC” बताया।
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कई दलों को डर है कि ग्रामीण और प्रवासी मतदाताओं को मताधिकार से वंचित किया जा सकता है।
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सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि अगर 30 सितंबर के बाद गड़बड़ी साबित हुई तो पूरी प्रक्रिया रद्द हो सकती है।
राजनीतिक समीकरण और गठबंधन
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NDA (BJP + JDU) और INDIA ब्लॉक (RJD + Congress) के बीच सीट बंटवारे की चर्चाएं ज़ोर पर हैं।
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अमित शाह ने हाल ही में बीजेपी की कोर कमेटी के साथ रणनीति बैठक की।
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तेजस्वी यादव ने दावा किया कि गठबंधन में सीट बंटवारा लगभग तय हो चुका है।
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प्रशांत किशोर की संभावित एंट्री इस चुनाव को और दिलचस्प बना रही है।
चुनावी मुद्दे
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बेरोज़गारी और युवाओं का पलायन
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रोज़गार सृजन और उद्योगों की कमी
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ग्रामीण विकास बनाम शहरी विकास
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NDA विकास कार्यों को गिनाएगा,
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RJD और कांग्रेस सामाजिक-आर्थिक सुधारों पर ज़ोर देंगे।
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राहुल गांधी अगस्त में बिहार दौरे पर आकर मतदाता सूची में खामियों पर हमला बोलेंगे।
मतदाता जागरूकता अभियान
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
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2015 के चुनाव 5 चरणों में हुए थे।
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2020 में चुनाव को 3 चरणों में सीमित किया गया।
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2025 में भी यही पैटर्न दोहराया जा सकता है।
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इस बार दांव और बड़ा है क्योंकि नीतीश कुमार की राजनीतिक स्थिति और बदलते जातीय समीकरण सीधे राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित कर सकते हैं।
निष्कर्ष
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 न केवल राज्य की दिशा तय करेंगे, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी गहरा असर डालेंगे। मतदाता सूची का प्रकाशन और सुप्रीम कोर्ट की सतर्क नज़र इस बार की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने की ओर इशारा कर रही है।
अगले कुछ हफ़्तों में चुनावी हलचल और भी तेज़ होने वाली है – और पटना से लेकर दिल्ली तक सबकी निगाहें बिहार पर टिकी हैं।

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