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डॉ. मनमोहन सिंह का 93वां जन्मदिन: आर्थिक सुधारों और युवा सशक्तिकरण के नायक को नमन

नई दिल्ली, 26 सितंबर 2025: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और आर्थिक क्रांति के प्रणेता डॉ. मनमोहन सिंह , सादगी और दूरदृष्टि का प्रतीक: डॉ. मनमोहन सिंह की विरासत, जिन्हें 1991 के आर्थिक सुधारों का प्रणेता माना जाता है, ने अपनी ईमानदारी और गहरे ज्ञान से भारत को वैश्विक मंच पर स्थापित किया। उनके 2004-2014 के प्रधानमंत्री कार्यकाल ने सामाजिक समावेशन और युवा सशक्तिकरण को नई ऊंचाइयां दीं। अमृत खबर आज उनके जन्मदिन पर उनकी ऐतिहासिक विरासत को याद करता है।

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डॉ. मनमोहन सिंह का 93वां जन्मदिन: आर्थिक सुधारों और युवा सशक्तिकरण के नायक को नमन

1991 के सुधार: भारत की आर्थिक क्रांति

1991 में, जब भारत आर्थिक संकट से जूझ रहा था, तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण (LPG) की नीतियां लागू कीं। 'लाइसेंस राज' का अंत ने आईटी, दूरसंचार और सेवा क्षेत्र में लाखों रोजगार सृजित किए। इसने भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति बनाया।

रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा, "डॉ. सिंह की 1991 की नीतियों ने भारत को 21वीं सदी का आर्थिक टाइगर बनाया। उनकी दूरदृष्टि अभूतपूर्व थी।"

मनरेगा: ग्रामीण भारत का सशक्तिकरण

2005 में शुरू महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) डॉ. सिंह के नेतृत्व का मील का पत्थर है। यह योजना ग्रामीण परिवारों को 100 दिन का रोजगार गारंटी देती है, जिसने गरीबी उन्मूलन और ग्रामीण विकास को गति दी। 2025 में मनरेगा ग्रामीण भारत की रीढ़ बना हुआ है।

सूचना का अधिकार: लोकतंत्र की ताकत

2005 में लागू सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम ने शासन में पारदर्शिता लाई। इस कानून ने नागरिकों को सरकारी जवाबदेही का हक दिया। डॉ. सिंह ने इसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मजबूत करने वाला कदम बताया। RTI आज भी भ्रष्टाचार के खिलाफ हथियार है।

भारत-अमेरिका परमाणु समझौता: वैश्विक कद

2008 में डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौता पूरा किया। यह समझौता भारत की ऊर्जा सुरक्षा और वैश्विक मान्यता का प्रतीक था। विदेश नीति विशेषज्ञ श्याम सरन ने कहा, "यह डॉ. सिंह की कूटनीतिक सूझबूझ का सबसे बड़ा प्रमाण है।"

युवा सशक्तिकरण: भारत का भविष्य

डॉ. मनमोहन सिंह ने युवाओं को राष्ट्र की धुरी माना। 1991 के आर्थिक सुधारों ने आईटी क्रांति को जन्म दिया, जिससे लाखों युवाओं को वैश्विक अवसर मिले। उनकी नीतियों ने भारत को स्टार्टअप और तकनीकी हब बनाया।

2009 का शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम 6-14 वर्ष के बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाया। यूनेस्को की रिपोर्ट के अनुसार, RTE ने 80% से अधिक बच्चों को स्कूलों से जोड़ा।

उच्च शिक्षा और कौशल विकास

डॉ. सिंह के कार्यकाल में 8 नए IITs, 7 नए IIMs और 16 नए केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित हुए। यह उच्च शिक्षा का क्रांतिकारी विस्तार था। 2008 में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) की स्थापना ने स्किल इंडिया की नींव रखी।

शिक्षा विशेषज्ञ प्रो. सुधांशु भूषण ने कहा, "डॉ. सिंह ने शिक्षा को राष्ट्र निर्माण का आधार बनाया।"

व्यापक प्रभाव: आधुनिक भारत की नींव

डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान आर्थिक स्थिरता, सामाजिक समावेशन और वैश्विक कूटनीति में है। उनके नेतृत्व में भारत ने 2008 की वैश्विक मंदी का सामना किया। 2025 में, उनकी नीतियां 'विकसित भारत@2047' का आधार हैं।

आज, 93वें जन्मदिन पर, डॉ. सिंह दिल्ली में परिवार के साथ सादगी से यह दिन मना रहे हैं। उनकी विरासत युवाओं और नीति-निर्माताओं को प्रेरित करती रहेगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "उनकी सादगी और बुद्धिमत्ता हम सभी के लिए प्रेरणा है।"

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क्या डॉ. मनमोहन सिंह के सुधार भारत के भविष्य को और सशक्त करेंगे?

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