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करवा चौथ 2025: जानिए पूजा मुहूर्त, चांद निकलने का समय और आधुनिक अंदाज़ में त्योहार का उत्सव

करवा चौथ 2025 इस साल 10 अक्टूबर (शुक्रवार) को पूरे भारत में उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है।
दिल्ली-एनसीआर में निर्जला व्रत सुबह 6:19 बजे आरंभ होकर चांद दर्शन रात 8:55 बजे तक रहेगा।
इस वर्ष का पूजा मुहूर्त शाम 6:19 से 7:33 बजे तक का शुभ समय माना गया है — जो वक्रतुंड संकष्टि चतुर्थी के विशेष संयोग के साथ इस पर्व को और भी शुभ बनाता है।
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करवा चौथ 2025: जानिए पूजा मुहूर्त, चांद निकलने का समय और आधुनिक अंदाज़ में त्योहार का उत्सव

परंपरा और प्रेम की पौराणिक कहानियाँ

करवा चौथ का इतिहास राजकुमारी वीरवती की कथा से जुड़ा है — जिन्होंने अपने पति की दीर्घायु के लिए कठोर व्रत रखा। जब उन्होंने छल से चांद देख लिया, तो राजा अस्वस्थ हो गए। वीरवती के पश्चाताप और सच्चे प्रेम ने उन्हें पुनर्जीवित किया।
इसी तरह, भगवान शिव और माता पार्वती की कथा में यह पर्व वैवाहिक निष्ठा और अमर प्रेम का प्रतीक माना गया है।

“करवा चौथ सिर्फ एक व्रत नहीं, बल्कि आत्मिक संबंध का उत्सव है,” — एक आस्थावान महिला भक्त कहती हैं।

सर्गी से स्वास्थ्य तक: आधुनिक करवा चौथ का बदलता स्वरूप

अब महिलाएं पारंपरिक सर्गी को स्वास्थ्यवर्धक विकल्पों से सजा रही हैं —
जैसे सूखे मेवे, ओट्स खीर, और प्रोटीन-युक्त सर्गी थाली
फिटनेस एक्सपर्ट्स के अनुसार, निर्जला व्रत शरीर को डिटॉक्स करने में सहायक होता है, बशर्ते पुनः उपवास खोलते समय संतुलित आहार लिया जाए।

आधुनिक दौर में यह व्रत केवल महिलाओं का नहीं रहा।
कई युगल अब साथ मिलकर उपवास रखते हैं, जिससे रिश्ते में समानता और भावनात्मक जुड़ाव की नई परिभाषा लिखी जा रही है।

इको-फ्रेंडली करवा पॉट और ट्रेंडिंग मेहंदी डिज़ाइन्स 2025

इस साल बाजार में इको-फ्रेंडली करवा पॉट्स की मांग बढ़ी है, जो मिट्टी और पुनर्चक्रणीय सामग्री से बने हैं।
सोशल मीडिया पर #KarwaChauth2025 ट्रेंड कर रहा है, जहां महिलाएं अपने मेहंदी डिज़ाइन्स 2025, पारंपरिक परिधान और पूजा सजावट के फोटो साझा कर रही हैं।

बॉलीवुड ने भी इस पर्व को लोकप्रिय बनाया है — “दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे” और “कभी खुशी कभी ग़म” जैसी फिल्मों ने करवा चौथ को प्रेम और त्याग की मिसाल के रूप में प्रस्तुत किया है।

आस्था से आगे: नारी सशक्तिकरण और नई सोच

फेमिनिस्ट दृष्टिकोण से देखें तो करवा चौथ 2025 अब समानता और पसंद के अधिकार का प्रतीक बन रहा है।
महिलाएं अब यह व्रत परंपरा निभाने के साथ-साथ अपनी स्वतंत्रता और आत्मबल का उत्सव भी मानती हैं।

“जब हम अपनी मर्जी से उपवास रखते हैं, यह प्रेम नहीं, सशक्तिकरण की कहानी बन जाती है,” — एक युवा प्रोफेशनल महिला कहती हैं।

समापन: परंपरा की धारा में बहती आधुनिकता

करवा चौथ 2025 सिर्फ पति-पत्नी के रिश्ते का त्योहार नहीं रहा, बल्कि संवेदना, संतुलन और समय के साथ बदलते रिश्तों की एक जीवंत मिसाल बन गया है।
चांद जब 8:55 बजे आसमान में झलकेगा, तब हर सौभाग्यवती स्त्री की आंखों में प्रेम और आस्था का प्रकाश एक साथ चमकेगा।

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